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शुक्र दशा कवच
शुक्र दशा कवच
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"शुक्र दशा सुधारक" ब्रेसलेट बहुत ही शक्तिशाली और दिव्य संयोजन है। इसमें विभिन्न मुखियों वाले रुद्राक्ष (5 से 10 मुखी) और स्फटिक (Crystal Quartz) का उपयोग हुआ है। यह संयोजन विशेष रूप से शुक्र ग्रह से संबंधित समस्याओं को दूर करने, आध्यात्मिक उन्नति और मानसिक शांति के लिए उपयोगी है।
🔷 ब्रेसलेट में उपयोगी तत्वों के लाभ
✅ रुद्राक्षों के लाभ (5 से 10 मुखी):
मुखी | प्रतिनिधि देवता | प्रमुख लाभ |
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5 मुखी | भगवान शिव | मन की शांति, ध्यान में वृद्धि, बुरी आदतों से मुक्ति |
6 मुखी | कार्तिकेय | क्रोध नियंत्रण, आकर्षण शक्ति, सौंदर्य |
7 मुखी | महालक्ष्मी | धन, समृद्धि, व्यापार वृद्धि |
8 मुखी | गणेश जी | विघ्नों से मुक्ति, नए कार्यों में सफलता |
9 मुखी | दुर्गा माँ | शक्ति, आत्मरक्षा, भय से मुक्ति |
10 मुखी | विष्णु जी | शत्रु बाधा से सुरक्षा, ग्रह दोषों से मुक्ति |
✅ स्फटिक
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मानसिक शांति, स्पष्ट सोच और सात्विक ऊर्जा प्रदान करता है।
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यह सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा को हटाने में सहायक होता है।
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शुक्र ग्रह की अशुभता को शांत करता है।
👤 कौन पहन सकता है?
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जिनकी कुंडली में शुक्र ग्रह कमजोर हो या शुक्र की दशा/अंतरदशा चल रही हो।
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जिनको वैवाहिक जीवन में तनाव, प्रेम संबंधों में परेशानी या सौंदर्य व प्रजनन से संबंधित समस्याएं हों।
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जिनका धन, आकर्षण, कला या रचनात्मक शक्ति कमज़ोर हो रही हो।
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पुरुष और महिला दोनों इसे धारण कर सकते हैं।
🕉️ धारण विधि
📅 शुभ दिन
शुक्रवार, या पूर्णिमा/शुक्ल पक्ष का शुक्रवार
🕒 समय:
सुबह 6 से 8 बजे के बीच, स्नान करके, स्वच्छ वस्त्र पहन कर।
📿 धारण की विधि
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ब्रेसलेट को गंगाजल, दूध और शुद्ध जल से धो लें।
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सफेद या गुलाबी वस्त्र पर रखें।
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दीपक जलाकर, सफेद फूल चढ़ाकर शुक्र ग्रह और भगवान शिव का ध्यान करें।
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नीचे दिए गए मंत्रों में से किसी एक का जाप करें
🔯 मंत्र जाप
🔸 “ॐ शुं शुक्राय नमः” — 108 बार
या
🔸 *“हिमकुंद मृणालाभं दैत्यानां परमं गुरुम्।
सर्वशास्त्रप्रवक्तारं भार्गवं प्रणम्यहम्॥”* — 11 बार
अतिरिक्त रूप से शिव का भी स्मरण करें:
🔸 “ॐ नमः शिवाय” — 108 बार (यदि संभव हो)
📌 विशेष निर्देश:
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पुरुष इसे दाहिने हाथ में, महिलाएं बाएं हाथ में पहनें।
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इसे नियमित रूप से पहन सकते हैं।
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पूजा-पाठ, ध्यान, और शुभ कार्यों के समय विशेष लाभदायक।
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मासिक रूप से इसे गंगाजल से शुद्ध करें।
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