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High Quality पुखराज Ring
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पुखराज रत्न (Yellow Sapphire) एक अत्यंत प्रभावशाली रत्न है जिसे वैदिक ज्योतिष में गुरु ग्रह (बृहस्पति) से संबंधित माना जाता है। यह रत्न व्यक्ति के जीवन में धन, ज्ञान, विवाह, संतान, और सम्मान को बढ़ावा देता है। नीचे पुखराज से जुड़ी सभी जानकारियाँ दी जा रही हैं:
🌟 पुखराज पहनने के लाभ
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धन वृद्धि: पुखराज आर्थिक स्थिति को मजबूत करता है, व्यापार और नौकरी में लाभ देता है।
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शादी में मदद: जिनकी शादी में विलंब हो रहा हो, उनके लिए यह बहुत लाभकारी है।
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संतान सुख: संतान प्राप्ति में रुकावट दूर होती है।
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गुरु कृपा: जीवन में सच्चे ज्ञान, नैतिकता और आध्यात्मिकता का विकास होता है।
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मान-सम्मान: समाज में मान-सम्मान और प्रतिष्ठा बढ़ती है।
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स्वास्थ्य: लीवर, मोटापा, डायबिटीज जैसी बीमारियों से राहत मिलती है।
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भाग्य वृद्धि: व्यक्ति का भाग्य प्रबल होता है और कार्यों में सफलता मिलती है।
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शिक्षा में उन्नति: विद्यार्थियों के लिए यह रत्न शिक्षा में सफलता और एकाग्रता लाता है।
🧘♂️ किसे पहनना चाहिए?
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जिनकी कुंडली में गुरु ग्रह शुभ भावों में हो या लाभकारी हो, उन्हें पुखराज पहनना चाहिए।
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विशेषकर धनु राशि (Sagittarius) और मीन राशि (Pisces) वालों के लिए अति शुभ माना जाता है।
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जिनकी कुंडली में गुरु लग्न, पंचम, नवम, दशम भाव का स्वामी हो, वे पहन सकते हैं।
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कुंडली अनुसार योग्य व्यक्ति: शिक्षक, वकील, लेखक, ब्राह्मण, संत, बैंकर, ज्योतिषी आदि।
❗ बिना कुंडली देखे पुखराज पहनना हानिकारक हो सकता है, इसलिए पहले किसी योग्य ज्योतिषी से सलाह जरूर लें।
🔩 कौन सी धातु में पहनें
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सोना (Gold) में पहनना सर्वोत्तम माना गया है।
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वैकल्पिक रूप में पीतल या पंचधातु में भी धारण किया जा सकता है।
📿 पुखराज धारण करने की विधि
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दिन: गुरुवार (Thursday)
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समय: सूर्योदय के 1 घंटे के भीतर या गुरु होरा में
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उंगली: दायें हाथ की तर्जनी (Index Finger) में
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रत्न का वजन: कम से कम 5.25 रत्ती (या अधिक)
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शुद्धिकरण
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एक कटोरी में गंगाजल, दूध, शहद, तुलसी-पत्ते और घी मिलाकर उसमें पुखराज को 15–30 मिनट तक डुबोएं।
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फिर शुद्ध जल से धो लें।
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मंत्र जप
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धारण करते समय ॐ बृं बृहस्पतये नमः (Om Brim Brihaspataye Namah) मंत्र का 108 बार जाप करें।
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📌 महत्वपूर्ण सावधानियाँ
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नकली पुखराज से बचें, हमेशा प्रमाणित और असली रत्न ही पहनें।
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कभी भी दूसरों का पहना हुआ रत्न न पहनें।
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पुखराज पहनने के बाद शराब, मांस, और असत्य भाषण से परहेज करें।
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रत्न की गुणवत्ता उच्च होनी चाहिए – फ्लॉलेस (दाग-धब्बे रहित), चमकदार और पीले रंग का।
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