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Astrocrystal

Natural ईरानी फीरोजा अंगूठी _ अष्टधातु

Natural ईरानी फीरोजा अंगूठी _ अष्टधातु

Regular price Rs. 2,500.00
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Color: Firoja

फाइन क्वालिटी ईरानी फिरोज़ा (Irani Firoza) रिंग एक अत्यंत शक्तिशाली और शुभ रत्न माना जाता है। इसे खासकर शनि और गुरु ग्रह की अनुकूलता, मानसिक शांति, बुरी नजर से बचाव, और सफलता के लिए पहना जाता है। नीचे विस्तार से बताया गया है कि फिरोज़ा रत्न पहनने के क्या लाभ हैं, किसे पहनना चाहिए, किस धातु में पहनना चाहिए, और धारण करने की विधि क्या है।


🔹 फिरोज़ा रत्न पहनने के फायदे

  1. बुरी नजर से बचाता है
    फिरोज़ा रत्न को नज़र दोष और नकारात्मक ऊर्जा से बचाव के लिए अत्यंत प्रभावशाली माना गया है।

  2. मानसिक शांति और संतुलन
    यह मन को शांत करता है, चिंता, डिप्रेशन और क्रोध को कम करता है।

  3. भाग्य और सफलता में वृद्धि
    फिरोज़ा रत्न पहनने से कैरियर में सफलता, व्यापार में लाभ और सामाजिक मान-सम्मान मिलता है।

  4. स्वास्थ्य लाभ
    यह गले, गले से संबंधित बीमारियाँ, फेफड़ों की समस्याओं और अनिद्रा में राहत देता है।

  5. रचनात्मकता और संचार कौशल में वृद्धि
    यह रत्न लेखकों, कलाकारों, वक्ताओं और शिक्षकों के लिए बहुत लाभकारी होता है।

  6. धार्मिक रूप से पवित्र
    फिरोज़ा इस्लाम और हिन्दू धर्म दोनों में पवित्र रत्न माना जाता है, इसे पहनने वाला ईश्वर की कृपा प्राप्त करता है।


🔹 किन लोगों को पहनना चाहिए 

  • जिनकी कुंडली में गुरु ग्रह (बृहस्पति) और शनि कमज़ोर हों या अनुकूल न हों।

  • धनु (Sagittarius), मीन (Pisces), तुला (Libra), वृषभ (Taurus) राशि के जातकों को विशेष लाभ देता है।

  • शिक्षक, लेखक, वकील, कलाकार, व्यापारी, नेता, आदि के लिए उत्तम है।

  • जिनकी नौकरी बार-बार बदलती हो या निर्णय लेने में परेशानी होती हो।


🔹 कौन सी धातु में पहनना चाहिए 

  • चांदी (Silver)सबसे उपयुक्त धातु मानी जाती है।

  • कुछ विशेष मामलों में इसे पंचधातु या सफेद सोने में भी पहना जा सकता है।


🔹 पहनने की विधि

  1. दिन:
    शुक्रवार या गुरुवार के दिन इसे धारण करें।

  2. समय:
    सुबह 6 से 9 बजे के बीच शुद्ध होकर पहनें।

  3. उपवास / स्नान:
    स्नान करके स्वच्छ सफेद या पीले वस्त्र पहनें।

  4. मंत्र और पूजा विधि

    • एक तांबे या पीतल के पात्र में गंगाजल, कच्चा दूध, शहद, और तुलसी डालकर रत्न को 15-20 मिनट के लिए डुबो दें।

    • फिरोज़ा को निकालकर उसे शुद्ध जल से धो लें।

    • किसी साफ पीले कपड़े पर रखें और नीचे दिए गए मंत्र का 108 बार जाप करें:

      "ॐ गुरवे नमः" (यदि बृहस्पति से जुड़ा हो)
      "ॐ शं शनैश्चराय नमः" (यदि शनि से जुड़ा हो)

  5. अंगुली
    इसे दाएँ हाथ की अनामिका (Ring Finger) में पहनना उत्तम माना जाता है।


🔹 महत्वपूर्ण सुझाव

  • हमेशा प्राकृतिक (Natural) और असली (Original) Irani Firoza ही पहनें।

  • नकली या रंगे हुए फिरोज़ा पहनने से कोई लाभ नहीं होता।

  • एक बार पहनने के बाद, उसे नियमित रूप से साफ करें और कभी किसी को न दें।

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