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Natural Pyrite Ring
Natural Pyrite Ring
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पायराइट रिंग (Pyrite Ring) एक अत्यंत शक्तिशाली और लाभकारी रत्न मानी जाती है, विशेष रूप से धन, आत्मविश्वास और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा के लिए। इसे आमतौर पर "फूल्स गोल्ड" भी कहा जाता है, क्योंकि इसका रंग सोने जैसा होता है। नीचे पायराइट रिंग पहनने के लाभ, किन लोगों को पहननी चाहिए, किस धातु में पहननी चाहिए और इसकी धारण विधि दी गई है — हिंदी में और विस्तार से।
🔶 पायराइट रिंग पहनने के लाभ
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धन वृद्धि और समृद्धि
पायराइट को लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। इसे पहनने से व्यापार और नौकरी में सफलता मिलती है, धन की वृद्धि होती है और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। -
आत्मविश्वास और साहस
यह पत्थर wearer को निडर बनाता है, आत्मबल बढ़ाता है और निर्णय लेने की क्षमता को मजबूत करता है। -
नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा
पायराइट ऊर्जा कवच की तरह कार्य करता है और ईर्ष्या, बुरी नजर, और नेगेटिव थॉट्स से सुरक्षा प्रदान करता है। -
एकाग्रता और मानसिक स्पष्टता
यह मस्तिष्क की शक्ति को बढ़ाता है और विचारों को स्पष्ट करता है — जिससे पढ़ाई, निर्णय और काम में ध्यान केंद्रित रहता है। -
शारीरिक स्वास्थ्य लाभ
यह शरीर में थकान को दूर करता है, पाचन में सहायक होता है और overall immunity को मजबूत करता है।
👥 किसे पहनना चाहिए?
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जिनकी कुंडली में धन की हानि, नौकरी या व्यवसाय में बाधा, या नकारात्मक ऊर्जा से प्रभावित हो रहे हों।
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विद्यार्थी, व्यापारी, कॉर्पोरेट प्रोफेशनल्स और जिन लोगों को आत्मविश्वास की कमी महसूस होती है।
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जिनकी कुंडली में राहु-केतु, शनि या मंगल का नकारात्मक प्रभाव हो, वे भी इसे पहन सकते हैं।
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खासकर जिनकी राशि मेष, सिंह, धनु, कर्क, मकर हो, उन्हें विशेष लाभ मिल सकता है।
🪙 किस धातु में पहनें?
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चांदी (Silver) – सर्वश्रेष्ठ और शुद्ध ऊर्जा प्रदान करता है।
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वैकल्पिक रूप से आप इसे पंचधातु या तांबे (Copper) में भी बनवा सकते हैं, लेकिन चांदी सर्वोत्तम मानी जाती है।
📿 धारण करने की विधि
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धारण का दिन:
रविवार या मंगलवार को पायराइट रिंग पहनना श्रेष्ठ माना जाता है। -
समय:
सूर्योदय के बाद सुबह 6 बजे से 9 बजे के बीच। -
अंगुली:
इसे अनामिका (Ring Finger) या मध्यमा (Middle Finger) में दाहिने हाथ में धारण किया जा सकता है। -
ऊर्जा सक्रिय करना (Energizing the Ring):
धारण करने से पहले नीचे दी गई विधि से रिंग को शुद्ध और सक्रिय करें:-
एक तांबे या मिट्टी के बर्तन में गंगाजल या साफ पानी, कच्चा दूध, शहद, और तुलसी के पत्ते डालें।
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उसमें रिंग को 10 मिनट तक रखें।
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फिर साफ जल से धो लें।
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अब रिंग को अपने सामने रखें और “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः” मंत्र का 21 बार जाप करें।
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इसके बाद इसे धारण करें।
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⚠️ सावधानियाँ रिंग को किसी को उधार न दें या साझा न करें।
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इसे पहनते समय बहुत गंदे या नकारात्मक स्थानों पर जाने से बचें।
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नियमित रूप से साफ रखें और मन से विश्वास रखें।
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