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Astrocrystal

Natural Rose Quartz Pendant

Natural Rose Quartz Pendant

Regular price Rs. 750.00
Regular price Sale price Rs. 750.00
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Color: Pink

रोज़ क्वार्ट्ज पेंडेंट (Rose Quartz Pendant) को "प्यार का पत्थर" (Stone of Love) कहा जाता है।

 यह प्रेम, करुणा, भावनात्मक संतुलन और आत्म-स्वीकृति का प्रतीक माना जाता है। नीचे इसके लाभ, किसे पहनना चाहिए, किस धातु में पहनें और धारण विधि विस्तार से दी गई है:


🌸 Rose Quartz Pendant पहनने के लाभ

  1. प्रेम संबंधों में सुधार
    यह प्रेम को बढ़ाता है, रिश्तों में मिठास लाता है और पति-पत्नी या प्रेमी-प्रेमिका के बीच भावनात्मक जुड़ाव मजबूत करता है।

  2. आत्म-प्रेम व आत्म-सम्मान
    आत्म-स्वीकृति और आत्म-विश्वास को बढ़ाता है। जो लोग खुद को नीचा समझते हैं, उनके लिए लाभकारी है।

  3. तनाव व चिंता में राहत
    मानसिक शांति देता है, तनाव, चिंता, डिप्रेशन जैसी भावनात्मक समस्याओं को कम करता है।

  4. दिल की सेहत के लिए अच्छा
    दिल की ऊर्जा को संतुलित करता है और हृदय से संबंधित भावनात्मक समस्याओं में राहत देता है।

  5. नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है
    आसपास की नकारात्मक ऊर्जा को हटाकर सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है।

  6. महिलाओं के लिए विशेष लाभकारी
    हार्मोनल संतुलन, पीरियड्स संबंधित समस्याओं और फर्टिलिटी में सहायता करता है।


💫 किसे पहनना चाहिए

  • जो लोग:

    • प्रेम संबंधों में तनाव से गुजर रहे हैं।

    • अकेलापन, आत्मग्लानि या आत्म-संदेह से जूझ रहे हैं।

    • भावनात्मक घाव या टूटे दिल से परेशान हैं।

    • शादी में प्रेम व तालमेल बढ़ाना चाहते हैं।

🔮 यह सभी राशियों के लिए उपयुक्त है, लेकिन वृषभ (Taurus) और तुला (Libra) राशि वालों के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है।


🪙 किस धातु में पहनना चाहिए

  • चांदी (Silver)सबसे उत्तम मानी जाती है, क्योंकि यह चंद्र ग्रह से जुड़ी होती है और रोज क्वार्ट्ज की शीतल ऊर्जा को संतुलित करती है।

  • कभी-कभी सफेद धातु (White Metal) या पंचधातु में भी पहना जा सकता है।


🧘♀️ धारण करने की विधि

  1. वार (दिन):
    शुक्रवार के दिन पहनना श्रेष्ठ होता है क्योंकि यह शुक्र ग्रह से संबंधित होता है।

  2. समय:
    सुबह 5 से 7 बजे के बीच, स्नान कर शुद्ध वस्त्र पहनकर धारण करें।

  3. सिद्धि प्रक्रिया 

    • एक तांबे या मिट्टी के पात्र में गंगाजल, दूध, शहद, और गुलाब जल मिलाएं।

    • उस पात्र में पेंडेंट को 10 मिनट रखें।

    • फिर उसे साफ जल से धोकर सफेद कपड़े पर रखें।

    • अपने पूजा स्थान पर बैठकर "ॐ शुक्राय नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें।

    • भगवान लक्ष्मी या शुक्रदेव को प्रणाम कर पेंडेंट को पहनें।


कुछ सावधानियाँ

  • रोज क्वार्ट्ज बहुत ही कोमल पत्थर होता है, उसे गिरने से बचाएं।

  • नियमित रूप से साफ करें, विशेषकर गुलाब जल से।

  • किसी भी नकारात्मक भावना के साथ न पहनें

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