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Natural Tiger Eye Ring
Natural Tiger Eye Ring
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टाइगर आई (Tiger Eye) रत्न की अंगूठी पहनने के लाभ, किसे पहननी चाहिए, किस धातु में पहननी चाहिए और धारण करने की विधि — इन सभी बातों की विस्तृत जानकारी नीचे दी गई है:
🔶 टाइगर आई रत्न पहनने के लाभ
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आत्मविश्वास बढ़ाता है – यह रत्न wearer को साहस, आत्मबल और आत्मविश्वास प्रदान करता है।
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नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा करता है – यह बुरी नजर, ईर्ष्या, और नकारात्मक विचारों से सुरक्षा करता है।
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धन एवं व्यापार में वृद्धि – व्यापार में स्थिरता और लाभ के योग बनाता है।
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मन की एकाग्रता बढ़ाता है – विद्यार्थी या मानसिक कार्य करने वालों के लिए लाभकारी है।
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डिप्रेशन और चिंता से राहत – यह मानसिक शांति और स्थिरता देता है।
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साहसिक निर्णय लेने में मददगार – निर्णय लेने की क्षमता को बेहतर करता है।
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शारीरिक लाभ – यह हड्डियों, रीढ़ की हड्डी, और आँखों से संबंधित समस्याओं में लाभकारी माना जाता है।
👤 किसे पहनना चाहिए
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यह रत्न मुख्यतः मेष (Aries), सिंह (Leo) और धनु (Sagittarius) राशि वालों के लिए उत्तम माना जाता है।
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जिनकी कुंडली में मंगल ग्रह अशुभ या कमजोर हो, वे भी इसे पहन सकते हैं।
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जो लोग किसी भी क्षेत्र में साहस, नेतृत्व, या आत्मबल की कमी महसूस करते हैं, उन्हें यह पहनना चाहिए।
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स्टूडेंट्स, बिज़नेस मैन, पुलिस, आर्मी, और पब्लिक स्पीकर्स के लिए विशेष रूप से लाभकारी है।
🔗 किस धातु में पहनें
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टाइगर आई को पंचधातु, तांबा (Copper) या चाँदी (Silver) में पहनना श्रेष्ठ माना गया है।
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पंचधातु में यह अधिक प्रभावशाली माना जाता है क्योंकि यह पाँच प्रमुख धातुओं का मिश्रण होता है।
📿 धारण करने की विधि
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दिन – यह अंगूठी मंगलवार या रविवार को पहनी जानी चाहिए।
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समय – प्रातःकाल 7 से 9 बजे के बीच।
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उंगली – इसे अनामिका (Ring Finger) या मध्यमा (Middle Finger) में दाहिने हाथ में पहनना चाहिए।
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मंत्र और पूजा विधि
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एक ताम्र या काँच के बर्तन में गंगाजल, कच्चा दूध, शहद और तुलसी पत्र मिलाकर अंगूठी को 10 मिनट तक डुबोएं।
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फिर साफ जल से धोकर एक लाल कपड़े पर रखें।
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अब इसे सामने रखकर "ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें।
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इसके बाद अंगूठी धारण करें।
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🧘♂️ धारण करते समय ध्यान देने योग्य बातें
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अंगूठी पहनने के बाद 21 दिन तक सात्त्विक आहार लेना शुभ माना जाता है।
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नकारात्मक विचारों से दूरी बनाए रखें।
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नियमित रूप से टाइगर आई रत्न को गंगाजल या फिटकिरी पानी से शुद्ध करते रहें।
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